उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर लगातार कानूनी पेच सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं। नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा जारी स्टे ऑर्डर के बाद सरकार की ओर से सुधारात्मक प्रयास जरूर हुए, लेकिन फिलहाल पंचायत चुनावों पर 25 जून तक रोक बरकरार रखी गई है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने बताया कि कोर्ट में गजट नोटिफिकेशन की प्रमाणित प्रति जमा न होने की वजह से चुनाव प्रक्रिया पर स्टे लगाया गया था। दरअसल, सरकारी वकील की ओर से सिर्फ अधिसूचना की प्रति कोर्ट में दाखिल की गई थी, जबकि जनसामान्य के लिए प्रकाशित गजट नोटिफिकेशन जमा करना अनिवार्य था। यह चूक सरकार को भारी पड़ी।
सरकार की ओर से अब रुड़की प्रेस से छपवाया गया सत्यापित गजट नोटिफिकेशन 24 जून को अदालत में पेश कर दिया गया है। हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने अब 25 जून दोपहर 2:00 बजे तक सुनवाई के लिए समय निर्धारित किया है। तब तक चुनाव पर लगी रोक बनी रहेगी।
पंचायती राज सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार हाई कोर्ट के स्टे को हटवाकर जल्द चुनाव प्रक्रिया को शुरू करवाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अब निगाहें 25 जून की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि पंचायत चुनाव की राह साफ होती है या फिर किसी और कानूनी उलझन का सामना करना पड़ता है।
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