उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से पहले विस्फोटक तस्करी का भंडाफोड़, 125 किग्रा डायनामाइट के साथ तीन गिरफ्तार

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से पहले विस्फोटक तस्करी का भंडाफोड़, 125 किग्रा डायनामाइट के साथ तीन गिरफ्तार

उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के त्यूणी क्षेत्र में पुलिस ने हिमाचल नंबर की एक आल्टो कार से 125 किलोग्राम डायनामाइट और डेटोनेटर के दो डिब्बे बरामद किए हैं। यह कार्रवाई पंचायत चुनावों के मद्देनजर चलाए जा रहे सघन चेकिंग अभियान के तहत की गई। पुलिस ने मौके से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जो इस विस्फोटक सामग्री को हिमाचल प्रदेश ले जा रहे थे। उनके पास किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज नहीं थे।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान रोहित (19, सिरमौर), रिंकू (37, शिमला) और सुनील (38, कोटखाई) के रूप में हुई है। इनसे जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने यह डायनामाइट एक निजी गोदाम (मैगजीन) के चौकीदार सीताराम से खरीदा था और इसके लिए 29 हजार रुपये का भुगतान यूपीआई के जरिए किया था।

पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गोदाम कालसी क्षेत्र में स्थित है और सरकार द्वारा अधिकृत है, जहां से पहाड़ी इलाकों में सड़क निर्माण या अन्य कार्यों के लिए डायनामाइट की आपूर्ति की जाती है। लेकिन इस केस में बिना वैध अनुमति और प्रक्रिया के डायनामाइट की बिक्री और आपूर्ति की गई। जब पुलिस ने गोदाम मालिक से जानकारी मांगी तो उसने बैक डेट में रवन्ना (डिलीवरी रसीद) तैयार कर कहानी बदलने की कोशिश की और यह दिखाने का प्रयास किया कि डायनामाइट वैन से भेजा गया था, जो रास्ते में खराब हो गई, इसलिए इसे कार में भेजा गया।

पुलिस ने मैगजीन मालिक को भी जांच के दायरे में लिया है और उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह पूरा मामला गंभीर लापरवाही और विस्फोटक अधिनियम 1884 के उल्लंघन के तहत दर्ज किया गया है।

अवैध उपयोग और खतरे:

  • डायनामाइट का उपयोग सड़क निर्माण और खनन में होता है, लेकिन इसका अवैध इस्तेमाल मछली पकड़ने, निजी निर्माण और अपराधों में भी किया जाता है
  • अनियंत्रित विस्फोट से न केवल पर्यावरण को नुकसान, बल्कि भूस्खलन और जानमाल की हानि की भी संभावना बनी रहती है।

संदिग्ध उद्देश्य:

अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि हिमाचल में कुछ लोग बिना सरकारी अनुमति के सड़क निर्माण करवा रहे हैं, जिसके लिए यह विस्फोटक सामग्री खरीदी गई थी।

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से पहले इस प्रकार का मामला प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी है। यह साफ करता है कि विस्फोटक सामग्री की निगरानी और बिक्री प्रणाली में खामियां हैं, जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है। पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि कोई बड़ा खतरा उत्पन्न होने से पहले ही रोका जा सके।


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