उत्तराखंड में एक और बड़ा चिटफंड घोटाला सामने आया है, जिसने हजारों लोगों की जमा पूंजी को डुबो दिया है। LUCC (लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी) नामक इस चिटफंड कंपनी ने लोगों को ऊंचे रिटर्न, आकर्षक योजनाएं और सुरक्षा का झांसा देकर करीब ₹800 करोड़ का निवेश जुटाया। वर्ष 2021 में कंपनी ने देहरादून, ऋषिकेश और पौड़ी गढ़वाल जैसे जिलों में अपने कार्यालय खोले और स्थानीय एजेंट नियुक्त कर लोगों को अपने परिचितों को निवेश के लिए प्रेरित करने को कहा। इन एजेंटों ने रिश्तेदारों और मित्रों से निवेश करवाया, लेकिन वर्ष 2023-24 में कंपनी अचानक सभी कार्यालय बंद कर गायब हो गई।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि LUCC ने उत्तराखंड में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत कोई पंजीकरण नहीं करवाया था। निवेशकों द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पता चला कि राज्य में कंपनी के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि अन्य राज्यों में 56 केस दर्ज किए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इस घोटाले का मुख्य आरोपी दुबई फरार हो चुका है। अब निवेशक उन स्थानीय एजेंटों को घेर रहे हैं जिन्होंने उन्हें इस कंपनी से जोड़ा था, जबकि एजेंट खुद पुलिस जांच और पूछताछ से परेशान हैं।
इस घोटाले को लेकर ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिस पर 2 जुलाई को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने उत्तराखंड सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता से भी राय मांगी है। याचिका में सवाल उठाया गया कि जब यह कंपनी बिना पंजीकरण के काम कर रही थी, तब सरकार और संबंधित विभाग क्या कर रहे थे। इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की गई है।
यह मामला न केवल आर्थिक धोखाधड़ी का है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और निवेशकों के भरोसे के साथ विश्वासघात भी है। यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि निवेश करते समय सही दस्तावेज़ों और वैधता की जांच करना बेहद जरूरी है। अब देखना यह है कि कोर्ट की सख्ती और मीडिया की निगरानी के बाद क्या इस घोटाले के सभी दोषियों को सजा मिलेगी या यह भी एक और भुला दिया गया मामला बन जाएगा।
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3 thoughts on “उत्तराखंड में 800 करोड़ का एलयूसीसी चिटफंड घोटाला”