आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा मानसून सत्र में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण हेतु एक विशेष विधेयक लेकर आएगी। इसके तहत लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को और बढ़ाने, प्रक्रिया को सरल बनाने, और उनके कल्याण से जुड़े मुद्दों के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने का निर्णय लिया गया है।
धामी सरकार ने पहले ही सेनानियों की मासिक सम्मान राशि बढ़ाने की पहल की थी, और अब इस निर्णय को स्थायी कानूनी रूप देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 25 जून 1975 का दिन, जब देश पर आपातकाल थोपा गया था, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। इसी कारण उत्तराखंड में इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी उस दौर के दमनकारी शासन और लोकतंत्र के रक्षकों के त्याग को याद रख सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान केवल औपचारिक नहीं, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और अनेक लोकतंत्र सेनानियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना दिया।
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