रुद्रप्रयाग बस हादसा: बदरीनाथ जाते श्रद्धालुओं की बस अलकनंदा नदी में गिरी, तीन की मौत, नौ अब भी लापता

रुद्रप्रयाग बस हादसा: बदरीनाथ जाते श्रद्धालुओं की बस अलकनंदा नदी में गिरी, तीन की मौत, नौ अब भी लापता

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2025 एक हृदय विदारक हादसे की गवाह बन गई जब रुद्रप्रयाग ज़िले में घोलतीर के पास एक तीर्थयात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई और अलकनंदा नदी में समा गई। बस में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से आए कुल 20 लोग सवार थे, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई, आठ घायल हुए और नौ यात्रियों का अब भी कोई पता नहीं चल पाया है।

यह बस गुरुवार सुबह लगभग 7:00 बजे रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई थी। मात्र 14 किलोमीटर दूर पहुँचते ही यह भीषण हादसा हो गया। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। कुछ लोग खिड़कियों से छिटककर खाई में गिरे जबकि बाकी यात्री बस सहित उफनती अलकनंदा में बह गए। नदी के दूसरी तरफ के भटवाड़ी गांव के लोगों ने सबसे पहले हादसे की सूचना प्रशासन को दी और रेस्क्यू के लिए तत्पर हो गए।

बचाव कार्य: एक मानवीय संघर्ष

कुछ ही देर में SDRF, NDRF, ITBP, सेना, स्थानीय पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुँच गईं। रेस्क्यू ऑपरेशन में रस्सियों के सहारे खाई में उतरकर घायलों को बाहर निकाला गया। दो यात्रियों के शव खाई में मिले जिन्हें सड़क तक पहुंचाया गया, जबकि चार गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया।

प्रशासन ने एम्बुलेंस, हेलिकॉप्टर, डॉक्टरों और स्थानीय वालंटियर्स के साथ मिलकर एक संगठित बचाव अभियान चलाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालात का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव और राहत कार्य में कोई कोताही न हो।

चश्मदीदों की आपबीती: खुशी का सफर कब भयावह हो गया

घायल अमिता सोनी ने बताया कि उनके परिवार सहित 20 लोग चारधाम यात्रा पर निकले थे। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के दर्शन के बाद अब वे बदरीनाथ धाम जा रहे थे। सभी लोग भजन-कीर्तन गाते हुए यात्रा का आनंद ले रहे थे कि अचानक बस अनियंत्रित हो गई और नीचे गिर गई।

घायल चालक सुमित कुमार ने बताया कि वह 20 किमी/घंटा की रफ्तार से वाहन चला रहा था, लेकिन विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे बस का स्टीयरिंग जाम हो गया और वह नियंत्रण खो बैठा। यह बयान यात्रियों ने भी पुष्टि की।

हादसे के शिकार:

मृतक:

  • विशाल सोनी (42), राजगढ़, म.प्र.
  • गौरी सोनी (41), राजगढ़, म.प्र.
  • ड्रिमी (17), सूरत, गुजरात।

घायल:

  • एम्स ऋषिकेश में भर्ती: दीपिका सोनी, हेमलता सोनी, ईश्वर सोनी, चालक सुमित।
  • जिला अस्पताल में भर्ती: अमिता, भावना, भव्य और पार्थ सोनी।

लापता यात्री:

  • 9 लोग अब भी लापता हैं, जिनमें बच्चे, बुज़ुर्ग और महिलाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री का बयान और निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि SDRF और प्रशासन की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं और घायलों का बेहतर इलाज किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय मार्गों पर चलने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों की समय-समय पर तकनीकी जांच सुनिश्चित करने, खतरनाक मोड़ों पर चेतावनी संकेत और सुरक्षा रेलिंग दुरुस्त करने और स्थायी सुरक्षा योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि मौसम और भूस्खलन की परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा मार्गों की निरंतर निगरानी की जाए।

जनता और यात्रियों के लिए सबक

यह हादसा ना केवल प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा करता है, बल्कि यात्रियों और टूर ऑपरेटरों के लिए भी एक चेतावनी है कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद आवश्यक है। यात्रियों को चाहिए कि वे अधिकृत वाहनों और प्रशिक्षित चालकों के साथ ही यात्रा करें और मौसम की जानकारी के अनुसार योजना बनाएं।


यह हादसा हमें याद दिलाता है कि एक छोटी सी चूक भी आस्था के रास्ते को त्रासदी में बदल सकती है। हम सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


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