मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष हरेला पर्व को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 16 जुलाई को हरेला पर्व के मौके पर राज्यभर में एक दिन में पांच लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। इस अभियान की थीम होगी – “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ – एक पेड़ मां के नाम।”
इस भव्य पौधरोपण अभियान के अंतर्गत गढ़वाल मंडल में तीन लाख और कुमाऊं मंडल में दो लाख पौधे रोपे जाएंगे। यह संख्या अब तक के किसी भी हरेला पर्व पर रोपे गए पौधों की तुलना में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 में दो लाख पौधे लगाए गए थे, जिसे इस बार ढाई गुना बढ़ाया गया है।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु के अनुसार, इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनकी अध्यक्षता में समितियां बनाई गई हैं। ये समितियां सार्वजनिक स्थानों और उपयुक्त स्थलों का चयन कर पौधरोपण करवाएंगी। पौधों की आपूर्ति के लिए जिले के डीएफओ को ज़िम्मेदार बनाया गया है।
इस बार पौधरोपण अभियान को स्थानीय सहभागिता से जनांदोलन का रूप दिया जाएगा। 50 प्रतिशत पौधे फलदार प्रजातियों के होंगे, जिनका संरक्षण स्थानीय ग्रामीणों, वन पंचायतों, महिला और युवा मंगल दलों द्वारा किया जाएगा। हर परिवार को दो पौधे दिए जाएंगे और कार्यक्रम के पहले तीन दिनों में ही 50 प्रतिशत पौधरोपण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति आभार और पर्यावरण संरक्षण की जीवंत परंपरा है। यह अभियान भावी पीढ़ियों को “हरित धरोहर” सौंपने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से प्रेरित होकर यह कार्यक्रम एक जनभागीदारी वाले आंदोलन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीण पंचायत क्षेत्रों में राजकीय कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि बतौर अतिथि भाग नहीं ले सकेंगे, जबकि नगर क्षेत्रों और वन क्षेत्रों में उनकी भागीदारी संभव है।
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