हरिद्वार भगदड़ के बाद सरकार सख्त: तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन को लेकर बनेगा मास्टर प्लान, अव्यवस्थाओं की जांच और सुधार के निर्देश

हरिद्वार भगदड़ के बाद सरकार सख्त: तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन को लेकर बनेगा मास्टर प्लान, अव्यवस्थाओं की जांच और सुधार के निर्देश

हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को हुई भगदड़ की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के तुरंत बाद स्थल का दौरा कर अधिकारियों को राज्य के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए विस्तृत मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया। इसके तहत भीड़ नियंत्रण, प्रवेश-निकास मार्ग, धारण क्षमता, आपात निकासी और जनसुविधाएं सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए जल्द से जल्द योजना पर कार्य आरंभ करने को कहा। खास ध्यान उन तीर्थस्थलों पर रहेगा, जहां तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ती है, जैसे कि मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ महादेव, पूर्णागिरि मंदिर, कैंचीधाम और जागेश्वर मंदिर

अवैध अतिक्रमण और जर्जर व्यवस्थाएं जांच के दायरे में

घटना स्थल की पत्रकारों और प्रशासनिक जांच में सामने आया कि भगदड़ वाली जगह से बिजली का मीटर और तार आनन-फानन में हटा दिए गए। इससे करंट लगने की आशंका और बिजली अव्यवस्था की पोल खुलती दिख रही है। ऊर्जा निगम के कर्मचारियों की भूमिका और लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

इतना ही नहीं, घटना के बाद से मंदिर मार्ग पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है, और जर्जर बिजली लाइनों को बदला जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि पूर्व में इन बिंदुओं पर लापरवाही बरती गई थी। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि घटना के बाद तत्परता दिखाने वाले विभाग पहले क्यों नहीं जागे?

प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक और मॉकड्रिल अनिवार्य

राज्य सरकार ने तय किया है कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ नियंत्रण के लिए तकनीकी उपाय अपनाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन कर रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों पर नियमित मॉकड्रिल और सुरक्षा ऑडिट कराए जाएंगे ताकि आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यवस्थाएं पहले से तैयार रहें।

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने सातों जिलों के पुलिस अधिकारियों को हर 15 दिन में धार्मिक स्थलों का सुरक्षा ऑडिट और मॉकड्रिल करवाने के आदेश दिए हैं। वहीं, हर प्रमुख स्थल पर एक सब-इंस्पेक्टर की कमान में पुलिस व्यवस्था करने को भी कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने बनाई उच्च स्तरीय समिति

मुख्यमंत्री धामी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में समितियां गठित करने का निर्णय लिया है। ये समितियां संबंधित जिलों के डीएम, एसएसपी, विकास प्राधिकरण और कार्यदायी संस्थाओं के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेंगी। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित करना है।

जनता की उम्मीदें और प्रशासन की परीक्षा

हरिद्वार की घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ का प्रबंधन केवल भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना अब वक्त की मांग है। अब देखना होगा कि सरकार की बनाई गई समितियां और योजनाएं ज़मीनी स्तर पर श्रद्धालुओं को राहत पहुंचा पाती हैं या फिर यह कवायद भी कागज़ों तक सीमित रह जाती है।


Discover more from The Doon Mozaic | द दून मोज़ेक

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from The Doon Mozaic | द दून मोज़ेक

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading